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कहानी- जो होता है वो अच्छे के लिए होता है |
💫✨💥🌷🙏🌷

*एक  व्यक्ति  का  दिन  बहुत खराब गया उसने  रात  को ईश्वर  से फ़रियाद की.*
*व्यक्ति ने कहा,*

' *भगवान, ग़ुस्से  न  हों  तो  एक  प्रश्न पूछूँ ?*

भगवान  ने  कहा,
'पूछ, जो  पूछना  हो  पूछ;....?

*व्यक्ति  ने  कहा,*
' *भगवान, आपने  आज  मेरा  पूरा  दिन एकदम  खराब  क्यों  किया ?*

भगवान हँसे ......
पूछा, पर  हुआ  क्या ?

*व्यक्ति  ने  कहा,*
' *सुबह  अलार्म  नहीं  बजा, मुझे  उठने में  देरी  हो  गई......'*

भगवान  ने  कहा, अच्छा  फिर.....'

*व्यक्ति  ने  कहा,*
*देर  हो  रही  थी,उस पर  स्कूटर बिगड़  गया. मुश्किल  से   रिक्शा मीली .'*

भगवान  ने  कहा, अच्छा  फिर......!'

*व्यक्ति  ने  कहा,*
*टिफ़िन  ले  नहीं  गया  था, वहां केन्टीन   बंद  थी....एक  वडा पाव खाकर दिन  निकाला,*

भगवान  केवल  हँसे.......

*व्यक्ति  ने  फ़रियाद  आगे  चलाई , 'मुझे बहुत ही काम  का  एक   का  फ़ोन आने वाला था  और  फ़ोन ही हैंग होकर  बंद  हो  गया ;*

भगवान  ने  पूछा.....' अच्छा फिर....'

*व्यक्ति  ने  कहा,*
*विचार  किया  कि  जल्दी  घर  जाकर AC  चलाकर  सो  जाऊं , पर  घर पहुँचा  तो  लाईट  गई  थी .*

भगवान.... सब  तकलीफें  मुझे  ही. ऐसा  क्यों  किया  मेरे साथ ?

*भगवान  ने  कहा,*
' देख , मेरी  बात  ध्यान  से  सुन .
आज  तुझपर  कोई  आफ़त  थी.
मेरे  देवदूत  को  भेजकर  मैंने रुकवाई .  अलार्म  बजे  ही  नहीं  ऐसा किया .
स्कूटर   से  एक्सीडेंट  होने का  डर  था  इसलिए  स्कूटर  बिगाड़ दिया . केन्टीन  में  खाने  से  फ़ूड पोइजन  हो  जाता .

फ़ोन  पर  बड़ी  काम  की  बात  करने वाला  आदमी  तुझे  बड़े  घोटाले  में फँसा  देता . इसलिए  फ़ोन   बंद  कर दिया .

तेरे  घर  में  आज  शार्ट  सर्किट  से आग  लगती, तू  सोया  रहता  और तुझे  ख़बर  ही  नहीं  पड़ती . इसलिए लाईट  बंद  कर  दी !

*मैं  हूं  न .....,!*

मैंने  यह  सब  तुझे  बचाने  के  लिए किया;

*व्यक्ति  ने  कहा,*
*भगवान  मुझसे  भूल  हो  गई . मुझे माफ  किजीए . आज  के  बाद  फ़रियाद  नहीं  करूँगा ;*

भगवान  ने  कहा,
माफी  माँगने  की  ज़रूरत  नहीं , परंतु विश्वास  रखना  कि  *मैं  हूं  न....,*

मैं  जो  करूँगा , जो  योजना  बनाऊँगा वो  तेरे  अच्छे  के  लिए  ही ।

जीवन  में  जो  कुछ  अच्छा - खराब होता  है  ; उसकी  सही  असर  लम्बे वक़्त  के  बाद  समझ  में  आती  है.

मेरे  कोई  भी  कार्य  पर  शंका  न  कर , श्रदा  रख .

जीवन  का  भार  अपने  ऊपर  लेकर घूमने  के  बदले  मेरे  कंधों  पर  रख दे .

*चिंता मत कर, चितंन कर*

*मैं  हूं  ना.....!*

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