*आज का प्रेरक प्रसंग*
*!!!---: संस्कार :---!!!*
एक राजा की घोड़ी का एक काना बच्चा था, बच्चे ने मां से इसका कारण पूछा तो घोड़ी बोली, मैं गर्भवती थी, राजा ने मुझे कोड़ा मार दिया, जिसके कारण तू काना हो गया।
बच्चे को राजा पर गुस्सा आया और बोला, मैं बदला लूंगा।
मां ने कहा, राजा ने हमारा पालन-पोषण किया है, तू जो स्वस्थ है, सुन्दर है, उसी के पोषण से तो है ।
मगर बच्चे ने राजा से बदला लेने की ठान ली।
एक दिन राजा उसे युद्ध पर ले गया, जहाँ राजा घायल हो गया ।
घोड़े के पास राजा को युद्ध में छोड़कर भागने का मौका था, मगर घोड़े के मन में ऐसा कोई ख्याल नहीं आया और वह राजा को उठाकर महल ले आया।
घोड़े ने मां से पूछा, युद्व के मैदान में बदला लेने का ख्याल ही नहीं आया, ऐसा क्यों?
घोडी बोली, तेरे खून में और तेरे संस्कार में धोखा है ही नहीं, तुझसे नमकहरामी हो नहीं सकती, क्योंकि तेरी नस्ल में तेरी मां का ही तो अंश है । मेरे संस्कार और सीख को तू कैसे झुठला सकता था।
🏆 *शिक्षा*-
ऐसे ही जो मां बाप सत्संगी होते हैं और भजन सिमरन करते हैं तो उनकी भक्ति के संस्कार उनके बच्चों को भी मिलते हैं । अगर बच्चों को भक्ति पथ पर लाना हो तो पहले मां बाप को खुद भक्ति करनी चाहिए ।
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