Moral stories in hindi,Hindi story,hindi kahani,kahaniya,kahaniya,jadui kahaniya,hindikahaniya,kahani hindi,अहं के त्याग से ही जीवन सार्थक

Moral stories in hindi,Hindi story,hindi kahani,kahaniya,kahaniya,jadui kahaniya,hindikahaniya,kahani hindi,अहं के त्याग से ही जीवन सार्थक

bhoot ki kahaniya,pariyo ki kahani,bachcho ki kahani,hasy kathaye,lok kathaye,motovational story,prerak prasang,moral kahaniya,hindi story

*आज का प्रेरक प्रसंग*


      *अहं के त्याग से ही जीवन सार्थक*
==========================


दुनिया में व्यर्थ सिर्फ अहंकार ही होता है इससे मिलता तो कुछ नहीँ बल्कि जो है, उसे भी नष्ट कर देता है। इससे यथासंभव बचना चाहिए।

एक ऋषि थे-सर्वथा सहज, निराभिमानी, वैरागी और अत्यधिक ज्ञानी। दूर -दूर से लोग उनके पास ज्ञान अर्जन करने के लिए आते थे। एक दिन एक युवक ने आकर उनके समक्ष शिष्य बनने की इच्छा प्रकट की। ऋषि ने सहमति दे दी। वह ऋषि के पास रहने लगा।वह ऋषि की शिक्षा को पूर्ण मनोयोग से ग्रहण करता। एक दिन ऋषि ने कहा -जाओ वत्स; तुम्हारी शिक्षा पूर्ण हुई। अब तुम इसका उपयोग कर दूसरों का जीवन बेहतर बनाओ।
                           

युवक ने उन्हें गुरुदक्षिणा देनी चाही। ऋषि बोले यदि तुम गुरु दक्षिणा देना ही चाहते हो तो वह चीज लेकर आओ,जो बिल्कुल व्यर्थ हो। युवक व्यर्थ चीज की खोज में चल पड़ा।  उसने सोचा मिट्टी ही सबसे व्यर्थ हो सकती है। यह सोचकर उसने मिट्टी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, तो वह बोल उठी -तुम मुझे व्यर्थ समझते हो? धरती का सारा वैभव मेरे गर्भ में ही प्रकट होता है। ये विविध रूप,रस, गंध क्या मुझ से उत्पन्न नहीं होते? युवक आगे बढ़ा तो उसे गंदगी का ढेर दिखाई दिया। उसने गंदगी की ओर हाथ बढ़ाया तो उसमें से आवाज आई -क्या मुझसे बेहतर खाद धरती पर मिलेगी? सारी फसलेँ मुझसे ही पोषण पाती है,फिर मैं व्यर्थ कैसे हो सकती हूँ ?
                               

युवक सोचने लगा,वस्तुतः सृष्टि का हर पदार्थ अपने में उपयोगी है। व्यर्थ और तुच्छ तो वह है जो दूसरों को व्यर्थ व तुच्छ समझता है और अहंकार के सिवा और क्या हो सकता है? युवक तत्काल ऋषि के पास जाकर बोला कि वह गुरु दक्षिणा में अपना अहंकार देने आया है यह सुनकर ऋषि बोले ठीक समझे वत्स।अहंकार के विसर्जन से ही विद्या सार्थक और फलवती होती है। कथा का संकेत स्पष्ट है कि दुनिया में व्यर्थ सिर्फ अहंकार होता है ॥

"ज्ञानविघ्नोSहंकार:

SHARE THIS
Previous Post
Next Post

Moral stories in hindi,Hindi story,hindi kahani,kahaniya,kahaniya,jadui kahaniya,hindikahaniya,kahani hindi, आत्म मूल्यांकन

Moral stories in hindi,Hindi story,hindi kahani,kahaniya,kahaniya,jadui kahaniya,hindikahaniya,kahani hindi, आत्म मूल्यांकन bhoot ki ...